उपलब्धि: ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल परियोजना में रेल विकास निगम की एक और बड़ी उपलब्धि…

रूद्रप्रयाग। राष्ट्रीय एवं सामरिक महत्व की बहुप्रतीक्षित ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल परियोजना में रेल विकास निगम लिमिटेड आरवीएनएल को एक और बड़ी सफलता मिली है। रुद्रप्रयाग में सुमेरपुर से नरकोटा के बीच 9.46 किलोमीटर लंबी सुरंग को बीते दिनों ब्रेक-थ्रू (आर-पार) कर दिया गया है। रेलवे निगम के अधिकारियों के अनुसार शीघ्र ही मुख्य सुरंग को भी आर-पार कर दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल परियोजना निरंतर सफलता के नए आयाम स्थापित कर रही है। परियोजना को रेल विकास निगम में निर्माण गतिविधियों के तहत 10 पैकेज में बांटा था। रुद्रप्रयाग जनपद में एक पैकेज का कार्य मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को दिया गया था। कंपनी के महाप्रबंधक एचएन सिंह ने बताया कि बुधवार रात 11:35 पर सुमेरपुर से नरकोटा के बीच भूमिगत निकास सुरंग संख्या 13 की खोदाई का कार्य पूरा कर लिया गया था। यह सुरंग पुनाड गधेरे और औण गांव के पास से गुजर रही है। इसे ध्यान में रखते हुए सुरंग निर्माण के लिए विस्फोट के साथ घरों के नीचे यांत्रिक तरीके से खोदाई की गई।

तरीके से खोदाई की गई। रेल विकास निगम के मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत कुमार यादव ने बहुप्रतीक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की कार्य प्रगति पर कहा कि ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक कुल 125 किमी लंबी ब्राड गेज रेल लाइन में 104 किमी भाग विभिन्न 17 सुरंग के भीतर से होकर गुजरेगा। परियोजना की मुख्य सुरंगों के साथ आपात स्थिति के लिए निकास सुरंगों तथा इन दोनों सुरंगों को जोड़ने के लिए क्रॉस पैसेज तथा निकास सुरंगों को नेशनल हाईवे से जोड़ने के लिए एडिट सुरंगों का निर्माण भी किया जा रहा है। रेल परियोजना में सभी तरह की सुरंगों की कुल लंबाई 213.4 किमी है। उन्होंने बताया कि 17 सुरंग से रेल लाइन का 105 किलोमीटर लंबा हिस्सा होकर गुजरेगा। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के बीच 16 रेल पुल बनेंगे। 14.8 किलोमीटर लंबी सबसे बड़ी सुरंग होगी, 220 मीटर लंबी सबसे छोटी सुरंग होगी। इस परियोजना में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच 13 रेलवे स्टेशन होंगे।

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